कानपुर नगर का इतिहास (1900 ईसवी की दशक में):
1900 ईसवी की दशक में कानपुर नगर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक बन गया। इस दशक में कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं जिन्होंने नगर के इतिहास में गहरी छाप छोड़ी।
1900 ईसवी के प्रारंभ में, कानपुर नगर ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था। नगर में उद्योग और व्यापार की विकास शुरू हो गई थी, जिससे यह एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक केंद्र बन गया। इस दौरान, नगर में कई उद्योगिक इकाइयां स्थापित हुईं और लोगों को रोजगार की सुविधा मिली।
1900 के दशक में महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने भारतीयों की आवश्यकताओं और अभिवादनाओं की प्रतिक्रिया के रूप में नगर में भी प्रकट होना शुरू हो गया। कानपुर नगर में भी असहमति और ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद होने लगी।
1905 में, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण प्रमुख कार्यक्रम के रूप में 'वन्देमातरम्' गान की पहली प्रस्तुति कानपुर में हुई थी। इससे नगर में स्वतंत्रता संग्राम की आग और भी बढ़ गई और लोगों में राष्ट्रीय उत्थान की भावना उत्तेजना व्यक्त होने लगी।
1909 में, कानपुर नगर में भारतीय नेशनल कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण सत्र हुई, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम की मांगों को आवश्यकताओं के रूप में प्रस्तुत किया गया।
1913 में, कानपुर नगर में 'कानपुर सत्याग्रह' का आयोजन हुआ, जिसमें नगर के लोगों ने असहमति के रूप में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आवाज उठाई।
1900 ईसवी की दशक में कानपुर नगर ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण क्षणों में भाग लिया और अपने योगदान से इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया।
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