मेले की तैयारीयां हवा-हवाई स्नान घाटों पर मरे हुए मवेशियों और दाह संस्कार की अधजली लकड़ियों को देख फूटा लोगों का गुस्सा।
प्रयागराज। मकर संक्रांति स्नान का महत्व दो दिन होने के चलते पहले दिन रविवार को और सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। मेले में स्नान के लिए व्यवस्था चाक चौबंद रही। कड़ाके की ठंड के बीच लोगों का उत्साह कम नहीं दिखा।
लेकिन बीच में कुछ अव्यवस्थाओं ने श्रद्धालुओं को नागेश्वर घाट झूसी पर निराश भी किया। कारण वही पुराना घाट किनारे फैली गंदगी ने खोली पोल। प्रयागराज गंगापार झूसी स्थित नागेश्वर घाट लोगों की घाट पर भीड़ तो अच्छी खासी थी लेकिन अचानक लोगों की नजर जब एक मवेशी के शव पर पड़ी तो हड़कंप मच गया। नहाने वालों में से किसी एक ने हिम्मत करके उसे किनारे लेकर आया तो देखा गया की वह एक मृत बकरी थी। जिसे किसी नें रस्सी से बांधकर गंगा में फ़ेका हुआ था। शव को देखने पर ऐसा प्रतीत हो रहा था की एक दो दिन पहले ही उसे गंगा में फ़ेका गया होगा इसलिए पानी में फेकने बाद न ही उससे बदबू कर रहा थी और ना ही वह फूला था। और बगल में लोग स्नान कर रहे थे। और वहीं पर पास में किसी ने शव भी जलाया था एक दिन पहले अधजली लकड़िया वहां पर फेंकी हुई थी। जिसके बीच लोगों को मजबूरी में स्नान करना पड़ रहा है। वहीं इस मामले में जब फूलपुर एसडीएम से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्हेंने बताया कि हमें इस प्रकार की कोई जानकारी अभी तक नहीं हुई है लेकिन हम जोनल ऑफिसर से बात करके वहां पर तुरंत अव्यवस्थाओं को ठीक करवा रहे हैं। ऐसा आश्वासन उनके द्वारा दिया गया। देखना अब यह है कि शासन और प्रशासन इसे कितनी गंभीरता से लेते हुए नजर आते हैं क्योंकि अभी तो मेला शुरू हुआ है। और अभी से अव्यवस्थाएं घाटों पर दिख रही हैं।
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