प्रयागराज। अखिल भारतीय पत्रकार कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृपा शंकर बाजपेई की अध्यक्षता में पत्रकारों की सुरक्षा और शासन स्तर पर लंबित सुविधाओ को निस्तारित करने का अनुरोध प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। श्री बाजपेई ने प्रदेश के सीएम से मांग की है कि पत्रकारों की सुरक्षा और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाना समय की पुकार है। पत्रकारों की समस्या और सुरक्षा का मुद्दा इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रदेश में पिछली सरकारों ने भी पत्रकारों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। मौजूदा प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार से पत्रकारों को उम्मीद बढ़ी है। एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने भी प्रमुख सचिव विधान परिषद को नियम 115 के तहत पत्र लिखकर अवगत कराया है कि पत्रकारों द्वारा सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अराजक तत्वों के ख़िलाफ़ खबरों को उजागर करने में उन्हें निरंतर धमकियां मिलती रहती हैं और उनके साथ मारपीट एवं अन्य कई दुर्घटनाएं भी होती हैं, जिससे कई कलमकार अपनी जान गवां चुके हैं। एमएलसी श्री सिन्हा ने पत्र में कहा है कि कलमकारो की आर्थिक स्थिति अत्यन्त दयनीय है, जिसके कारण उन्हें अपना व परिजनों का गुजारा करने में भी काफ़ी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है, इसलिए पत्रकारों की सुरक्षा हेतु पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करना अति आवश्यक है। गौर तलब है कि जनपद वाराणसी में पत्रकारों को सर्किट हाउस में जाने से मना करने का तुगलकी फ़रमान सुनाने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही के साथ ही प्रदेश के सभी पत्रकारों को 20 लाख रु. तक का कैशलेस ईलाज़, नए पत्रकारों को रुपया दस हजार एवं 20 वर्ष तक कार्य कर चुके वरिष्ठ पत्रकारों को ₹25,000 प्रति माह गुजारा भत्ता, एक करोड़ तक का जीवन बीमा, उन्हें अन्य योजना से लाभान्वित करना एवं आवास विकास व विकास प्राधिकरण के माध्यम से नो प्रॉफिट - नो लॉस के आधार पर भवन/प्लॉट उपलब्ध कराया जाना जनहित में है। उन्होंने जनहित में इस लोक महत्व के सुनिश्चित विषय पर सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आवश्यक कार्यवाही की माँग की हैं। बैठक में प्रमुख रूप से वरिष्ठ पत्रकार डॉ राजमणि तिवारी, बलराम दीक्षित (राष्ट्रीय महामंत्री), सुधाकर सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार सोनकर,मुलायम सिंह बिसेन सहित पत्रकार कल्याण परिषद के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे।
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