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उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग ने वृद्धाश्रमों पर महत्वपूर्ण परामर्श बैठक आयोजित की

Old age home in debt, relying on daily donors for food and snacks, the  ashram operating under the Social Justice Department did not get the budget  for 2 years | हालात बेहद

उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास विभाग ने हाल ही में राज्य के वरिष्ठ नागरिकों की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वृद्धाश्रमों के विकास पर एक महत्वपूर्ण परामर्श बैठक आयोजित की। इस बैठक का उद्देश्य राज्य में वृद्धाश्रमों के निर्माण और उनके संचालन के लिए एक समग्र और प्रभावी दृष्टिकोण तैयार करना था। प्रमुख सचिव श्री अमृत अभिजात और विशेष सचिव श्री अरुण प्रकाश की उपस्थिति में यह बैठक आयोजित हुई, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल से जुड़े विभिन्न संगठनों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।

बैठक का उद्देश्य और दृष्टिकोण

Here old age homes where food, AC, geyser, medicines for elderly people,  facilities such as ISO certificate were obtained | ये है असली इंदौर: यहां  ऐसे वृद्धाश्रम जहां बुजुर्गों के लिए भोजन,

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य वृद्धाश्रमों के लिए एक नए और समग्र दृष्टिकोण को विकसित करना था, जो केवल आवास प्रदान करने तक सीमित न हो, बल्कि वरिष्ठ नागरिकों की शारीरिक, मानसिक और चिकित्सीय देखभाल को भी प्राथमिकता दे। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि वृद्धाश्रम ऐसे स्थान बनें, जहां वरिष्ठ नागरिकों को न केवल सुरक्षित आवास मिले, बल्कि एक सामुदायिक वातावरण भी प्राप्त हो, जहां उन्हें गरिमा और सम्मान मिले।

वृद्धाश्रमों के लिए समग्र दृष्टिकोण

बैठक में विशेषज्ञों और संगठनों ने इस बात पर चर्चा की कि वृद्धाश्रमों में समग्र वातावरण का निर्माण कैसे किया जा सकता है। इसमें डिज़ाइन, स्वास्थ्य सुविधाएं, मनोरंजन गतिविधियाँ और सुरक्षा उपायों को प्रमुख रूप से शामिल किया गया। साथ ही, इस पर भी विचार किया गया कि इन सुविधाओं को कैसे और अधिक सुविधाजनक, सामर्थ्यपूर्ण और वरिष्ठ नागरिकों की विशेष जरूरतों के अनुकूल बनाया जा सकता है।

प्रमुख सचिव का दृष्टिकोण

प्रमुख सचिव श्री अमृत अभिजात ने बैठक में अपने विचार साझा करते हुए कहा, "हमारा दृष्टिकोण केवल बुनियादी ढांचे तक सीमित नहीं है। हमारा उद्देश्य ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना है, जिसमें हमारे वरिष्ठ नागरिकों को न केवल देखभाल मिले, बल्कि उन्हें एक समाजिक भावना का भी अनुभव हो।" उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) और नवीन डिज़ाइन सिद्धांतों का उपयोग करके वृद्धाश्रमों के लिए एक नए मॉडल की योजना बना रही है।

पीपीपी मॉडल का महत्व

सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल|Sarvajanik Niji Bhagidari Model|Public Private  Partnership (PPP) Model

बैठक में एक महत्वपूर्ण चर्चा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के संभावित लाभों पर की गई। इस मॉडल के माध्यम से सरकारी निगरानी और निजी क्षेत्र के नवाचार को जोड़ने की योजना है, जिससे वृद्धाश्रमों के संचालन की गुणवत्ता और दक्षता को बढ़ाया जा सके। इस मॉडल का उद्देश्य सरकारी सुविधाओं के साथ निजी क्षेत्र की क्षमता का लाभ उठाना है, ताकि वृद्धाश्रमों की गुणवत्ता, मापनीयता और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।

वृद्धाश्रमों की डिज़ाइन और स्वास्थ्य देखभाल पर चर्चा

बैठक में वृद्धाश्रमों की डिज़ाइन और उनके लिए स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि वृद्धाश्रमों का डिज़ाइन इस प्रकार होना चाहिए कि वह वरिष्ठ नागरिकों की शारीरिक क्षमता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया जाए। इसके साथ ही, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए नई नीतियां बनाई जानी चाहिए, जो वृद्धाश्रमों में निवास करने वाले लोगों की चिकित्सीय और मानसिक जरूरतों को पूरा करें।

भविष्य की योजना और नीति

नगर विकास विभाग द्वारा इस बैठक में दिए गए सुझावों के आधार पर एक व्यापक नीति तैयार करने की योजना बनाई जा रही है। इस नीति में वृद्धाश्रमों को केवल आवास प्रदान करने का उद्देश्य नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसमें एक ऐसा सामुदायिक माहौल बनाने की दिशा में काम किया जाएगा, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को एक सुरक्षित और देखभाल से भरपूर वातावरण मिले। इस नीति के जरिए उत्तर प्रदेश में वृद्धाश्रमों के निर्माण की दिशा में एक नया कदम उठाया जाएगा, जिससे राज्य के बुजुर्गों को बेहतर जीवन प्राप्त होगा।