यूपी ब्यूरो, विनीत द्विवेदी
अयोध्या। आज के आधुनिक युग में ग्राहकों के अधिकारों का उल्लंघन करना एक आम सी बात हो चुकी है। सामान को खरीदते समय होने वाले अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिनमें धोखाधड़ी, गलत विज्ञापन, घटिया सामानों की बिक्री जैसी चीजें देखने को मिलती है। ग्राहक ब्रांड के नाम पर अधिक पैसे खर्च करें और समान मन मुताबिक न मिले तो धोखा ही कहलाएगा यह तो, मामला अयोध्या जनपद के राजरतन का है यहां से महिला ने एक कॉटन सूट खरीदा लगभग 2 हजार के आसपास का सूट की सिलाई के बाद कपड़े गुणवत्ता तो खराब निकली ही उसका रंग भी एक ही धुलाई में चला गया। पहले तो वहां के मैनेजर सलीम ने टालमटोल की और तीन-चार महीने तक महिलाजान की क्या कर लेंगी? दौड़ाया और जब मामला पुराना हो गया तो वापस करने और बदलने भी से साफ-साफ मना कर रहा है महिला ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा है कि अगर सूट वापस नहीं किया गया या बदला नहीं गया तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाने में अब देर नहीं करेंगी।
जान लें क्या हैं कंज्यूमर के हक
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के अनुसार ग्राहकों को किसी भी प्रोडक्ट की खरीदी और उसके बाद निम्न कानूनी अधिकार प्राप्त हैं- सुरक्षा का अधिकार, जानकारी का अधिकार, पसंद का अधिकार, अपनी बात कहने का अधिकार, जागरुकता का अधिकार और मुआवजे का अधिकार।
कोई भी स्टोर या फिर दुकान वाला खराब सामान या प्रोडक्ट को वापस करने से इनकार नहीं कर सकता है. आपको खराब सामान को वापस कराने का अधिकार है।
सुनवाई का अधिकार - उपभोक्ता की शिकायतों की सुनवाई के लिये एक मंच उपलब्ध करवाया जायेगा।
हर्जाना पाने का अधिकार -उपभोक्ता को अपने साथ हुए व्यापारिक धोखे का हर्जाना पाने का पूरा अधिकार है। वो कोर्ट में अपना हर्जाना क्लेम कर सकता है।
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