इस अवसर पर कपिल देव अग्रवाल ने महाकुंभ 2025 के विशेष महत्व और इसकी तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, "महाकुंभ भारतीय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता का भव्य प्रतीक है।" उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि वे इस आयोजन में शामिल होकर अपनी गरिमामयी उपस्थिति से इसे अलंकृत करें।
महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में होगा, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होंगे। योगी सरकार इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए व्यापक और भव्य तैयारियों में जुटी है।
प्रयागराज में होने वाले इस महायोगिक और सांस्कृतिक आयोजन को वैश्विक मंच पर विशेष पहचान दिलाने के लिए राज्य सरकार ने कई परियोजनाओं को क्रियान्वित किया है। आयोजन स्थल पर बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने, तीर्थयात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने और स्थानीय प्रशासन को सुदृढ़ करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
महाकुंभ भारतीय आध्यात्मिकता और संस्कृति का केंद्र है, जिसे देखने के लिए हर वर्ग के लोग यहां आते हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यटन और क्षेत्रीय विकास में भी योगदान करता है।
महाकुंभ 2025 की तैयारियों पर चर्चा के दौरान, कपिल देव अग्रवाल ने आयोजन को सफल बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को प्रदर्शित करेगा।
महाकुंभ का विशेष महत्व
महाकुंभ हर 12 वर्षों में आयोजित होता है और इसमें गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर आस्था का संगम देखने को मिलता है। यह आयोजन भारतीय धर्म, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विविधता का उत्सव है, जो दुनियाभर के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
योगी सरकार की तैयारियां
योगी आदित्यनाथ सरकार ने महाकुंभ 2025 को ऐतिहासिक बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इनमें यातायात व्यवस्था, तीर्थयात्रियों के लिए आवास सुविधाएं, सुरक्षा इंतजाम और पर्यावरण संरक्षण जैसे पहलुओं को प्राथमिकता दी गई है।
केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल ने निमंत्रण स्वीकार करते हुए आयोजन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया और उत्तर प्रदेश सरकार की पहल की सराहना की।
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