सांस्कृतिक चेतना का उत्सव, 10 फरवरी को 'हिंदी पुनर्प्रतिष्ठान दिवस।
नई दिल्ली/ लखनऊ। हिंदी के जाने-माने विश्वविख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास के तिथिवार जन्मदिन (वसंत पंचमी) अवसर पर देश के अलग-अलग हिस्सों में तीन दिनों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। इस दौरान उनके प्रशंसकों ने श्रीमद्भगवद्गीता एवं श्रीरामचरितमानस का भी हजारों की संख्या में वितरण किया। डॉ. कुमार विश्वास के प्रशंसकों के परिवार ‘विश्वासम्’ के सदस्यों ने लोगों से अपील की कि वे बच्चों को सनातन परंपराओं और संस्कारों से जोड़े रखने के लिए गीता और रामायण पढ़ाएं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरस्वती विद्या मंदिर समेत विभिन्न स्थानों पर भी गीता, रामायण तथा धार्मिक साहित्य का वितरण किया गया।
‘विश्वासम्’ परिवार की प्रबंधिका दिव्या गौरव त्रिपाठी ने बताया कि जब डॉ. कुमार विश्वास ने बच्चों को गीता-रामायण पढ़ाए जाने की बात की तो लोगों ने सोशल मीडिया पर 20 सेकंड की क्लिप निकालकर वायरल कर दिया। उन्होंने कहा, ‘डॉ. कुमार विश्वास की बात का उद्देश्य समझने की जरूरत थी। इतिहास साक्षी रहा है कि जो समाज अपनी परापंरा और संस्कृति से कट जाता है, उसका अस्तित्व स्थायी नहीं रहता। बावजूद इसके लोगों ने इस बात का मुद्दा बनाया और उन्हें जबरन ट्रोल किया जाने लगा।’ श्रीमती त्रिपाठी ने कहा कि इसके बाद कुमार विश्वास के प्रशंसकों ने तय किया कि वे इस बात को अपने स्तर तक लोगों तक पहुंचाएंगे तथा श्रीमद्भगवद्गीता एवं श्रीरामचरितमानस का वितरण करेंगे।
रामायण, गीता वितरण के साथ सेवा कार्य भी किए
विश्वासम् परिवार की सदस्या डॉ. नीतू शर्मा ने बताया कि हमने डॉ. कुमार विश्वास के प्रशंसकों से अपील की थी कि 2, 3 तथा 4 फरवरी को श्रीरामचरितमानस या श्रीमद्भगवद्गीता की कुछ प्रतियां अपनी इच्छा, श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार कुछ ऐसे लोगों के बीच वितरित करें, जो उसका अध्ययन कर सकें। इसके साथ ही अगर वे ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं तो कम से कम मंदिर जरूर जाएं और वहां ईश्वर से कामना करें कि वह डॉ. कुमार विश्वास जी को दीर्घायु रखें, ताकि भारत की सांस्कृतिक चेतना को पुनः आकाश तक पुनर्प्रतिष्ठित किया जा सके। डॉ. नीतू ने बताया, ‘इन तीन दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में कुल 76 स्थानों पर रामायण तथा गीता की 4800 से अधिक प्रतियां वितरित की गईं। इसके अलावा विश्वासम् परिवार के सदस्यों ने पौधारोपण, भोजन वितरण, पाठ्यसामग्री वितरण तथा वृद्धाश्रम में सेवा जैसे कार्यक्रम भी किए।’ उन्होंने बताया कि जो सदस्य आर्थिक रूप से सक्षम नहीं थे, उन्होंने मंदिर जाकर डॉ. कुमार विश्वास जी के दीर्घायु होने की कामना की।
मुस्लिम प्रशंसकों ने भी मांगी डॉ. विश्वास की सलामती की दुआ।
विश्वासम् परिवार के मीडिया प्रभारी अमन मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, राजस्थान के उदयपुर, मध्य प्रदेश के नीमच तथा बिहार के गोपालगंज में अभूतपूर्व कार्यक्रम हुए। उन्होंने बताया कि विश्वासम् परिवार में कई मुस्लिम सदस्य भी हैं, उनमें देहरादून की अफ्शा और इंदौर के डॉ. वासिफ काजी समेत कई सदस्यों ने दरगाह पर जाकर डॉ. कुमार विश्वास की सलामती की दुआ की।
10 फरवरी को मनाया जाएगा ‘हिंदी पुनर्प्रतिष्ठान दिवस’
अमन मिश्रा ने यह भी बताया कि डॉ. कुमार विश्वास के अंग्रेजी तिथि वाले जन्म दिन को ‘हिंदी पुनर्प्रतिष्ठान दिवस’ के तौर पर मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि डॉ. कुमार विश्वास जी ने हिंदी को विश्वमंच पर लोकप्रिय बनाया।जो कड़ी अटल जी के जाने के बाद टूट गई थी, उसे हिंदी कविता के माध्यम से डॉ. कुमार विश्वास ने फिर से जोड़ा है।
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