नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जानबूझकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग जैसे संवैधानिक संस्थानों के अहम पदों को खाली रख रही है।
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, "देशभर में हजारों दलित और पिछड़े न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। हर जगह जातिगत जनगणना की मांग गूंज रही है। ऐसे वक्त में भाजपा सरकार द्वारा सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाली संस्थाओं में महत्वपूर्ण पदों को खाली रखना उनकी दलित-पिछड़ा विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।"
केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र
राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में खाली पड़े पदों को तुरंत भरा जाए ताकि दलित और पिछड़े वर्गों को न्याय मिल सके।
जातिगत जनगणना की मांग तेज़
कांग्रेस लंबे समय से जातिगत जनगणना की मांग कर रही है। राहुल गांधी ने कई मौकों पर कहा है कि देश के संसाधनों का सही बंटवारा तभी संभव होगा जब यह पता चलेगा कि कितने प्रतिशत आबादी किस वर्ग से आती है। बिहार में जातिगत सर्वे के बाद इस मांग ने और जोर पकड़ा है, और अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की मांग उठ रही है।
भाजपा पर सीधा हमला
राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि सामाजिक न्याय की लड़ाई में भाजपा सरकार बाधा बन रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने और सामाजिक न्याय को नजरअंदाज करने की यह रणनीति दलित और पिछड़े समुदायों को हाशिए पर रखने की साजिश है।
राजनीतिक हलचल तेज़
राहुल गांधी के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस जहां इसे सामाजिक न्याय की लड़ाई बता रही है, वहीं भाजपा ने इस मुद्दे पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह मामला संसद से लेकर सड़कों तक गरमा सकता है।
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