उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक की। इस बैठक में ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’, ‘पीएम-कुसुम योजना’ और रबी विपणन वर्ष 2025-26 के तहत गेहूं खरीद की प्रगति पर गहन चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और भावनाओं के अनुरूप उत्तर प्रदेश इन योजनाओं के क्रियान्वयन में देशभर में अग्रणी बनकर उभरा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और सौर ऊर्जा को आम जनमानस की पहुंच तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
सौर ऊर्जा में यूपी का नेतृत्व
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022’, ‘जैव ऊर्जा नीति-2022’ और ‘ग्रीन हाइड्रोजन नीति-2024’ को लागू किया है। राज्य सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक 22,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन करना है। इसके तहत सोलर पार्कों की स्थापना, एक्सप्रेसवे और रेलवे ट्रैक के किनारे सौर संयंत्रों का विकास और कृषि फीडरों के सोलराइजेशन को प्राथमिकता दी जा रही है।
पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत प्रदेश में 10 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1 लाख से अधिक घरों में सोलर पैनल इंस्टॉल किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने यूपीनेडा को निर्देशित किया कि अभियान चलाकर सभी पात्र लाभार्थियों को शीघ्र सौर ऊर्जा से जोड़ा जाए। उन्होंने लक्ष्य रखा कि वर्ष 2025-26 तक मासिक इंस्टॉलेशन की संख्या को दोगुना करते हुए 22,000 से अधिक किया जाए।
पीएम-कुसुम योजना में यूपी देश में प्रथम
बैठक में मुख्यमंत्री ने बताया कि पीएम-कुसुम योजना के तहत निजी पंप सोलराइजेशन में उत्तर प्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। सरकार मिशन मोड में काम कर रही है ताकि किसानों के निजी नलकूपों को सौर पैनलों से जोड़ा जा सके। इसके साथ ही प्रदेश के वनटांगिया गांवों एवं जनजातीय क्षेत्रों—जैसे सोनभद्र, मीरजापुर, चित्रकूट व चंदौली—को भी मुफ्त सौर ऊर्जा सुविधा से आच्छादित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने नगर निगमों से आग्रह किया कि वे सोलर पार्क की स्थापना हेतु भूमि उपलब्ध कराएं और नगरों की स्ट्रीट लाइटों को सौर ऊर्जा से जोड़ें। इसके अलावा, सोलर उपकरण निर्माण उद्योग को भी बढ़ावा देने की योजना है।
सोलर इंस्टॉलेशन में युवाओं को प्रशिक्षण
राज्य सरकार का फोकस युवाओं को ‘सूर्य मित्र’ के रूप में प्रशिक्षित कर रोजगार देने पर भी है। इसके लिए पॉलिटेक्निक संस्थानों के माध्यम से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जरूरत के अनुसार वेण्डर्स की संख्या बढ़ाई जाए और सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से योजनाओं की निगरानी की जाए।
गेहूं खरीद में रिकॉर्ड प्रगति
मुख्यमंत्री ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 के तहत गेहूं खरीद की समीक्षा करते हुए बताया कि 9 अप्रैल 2025 तक प्रदेश में 1.40 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद 26,641 किसानों से की जा चुकी है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश निर्धारित लक्ष्य को समय पर प्राप्त कर लेगा। इस बार सरकार ने कटाई के पूर्व ही ग्राम स्तर पर अधिकारियों को किसानों से संवाद के लिए भेजा था, जिससे किसानों में जागरूकता बढ़ी है।
सरकार ने मोबाइल क्रय केन्द्रों के माध्यम से किसानों के गांवों में जाकर भी गेहूं खरीदना शुरू किया है। सभी मंडियों में किसानों के लिए बैठने, पेयजल और भोजन की उचित व्यवस्था की गई है। साथ ही, क्रय केंद्रों को छुट्टी के दिन भी खुला रखने और समय बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी किसान को असुविधा न हो।
केन्द्रीय मंत्री का प्रशंसा भरा वक्तव्य
बैठक में केन्द्रीय मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के उत्कृष्ट कार्यों के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा, गेहूं खरीद और अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में देशभर में उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने विशेष रूप से अयोध्या और वाराणसी में हुए सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स की सराहना करते हुए कहा कि ये मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा हैं।
सम्मान और सहभागिता
बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को ओडीओपी (ODOP) उत्पाद और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के कई मंत्रीगण एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख, ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर, खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश चन्द्र शर्मा और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह प्रमुख थे।
Social Plugin