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उन्नाव में दमघोंटू होता माहौल: प्रदूषण बढ़ा, जवाबदेही नदारद

उन्नाव से विशेष रिपोर्ट |

"शहर को स्वच्छ और सुरक्षित बनाऊंगा"—यह वादा कर विधायक बने जनप्रतिनिधि अब चुप हैं। उन्नाव में दिन-ब-दिन बढ़ते प्रदूषण, नालों से उठती बदबू और खुले में बहते खून-पानी की दुर्गंध ने आम जनजीवन को बेहाल कर दिया है। सवाल है—आखिर स्लॉटर हाउस का असली रखवाला कौन है? और हर महीने लाखों रुपये की वसूली किसकी जेब में जाती है?

दिल्ली से अधिक प्रदूषण: उन्नाव बना गैस चैंबर

जहां देश की राजधानी दिल्ली को प्रदूषण का प्रतीक माना जाता है, वहीं हालात यह हैं कि उन्नाव के कुछ इलाकों में प्रदूषण स्तर उससे भी अधिक पाया गया है। स्लॉटर हाउस और मांस प्रोसेसिंग यूनिट्स से निकलने वाला अपशिष्ट बिना किसी ट्रीटमेंट के नदियों और नालों में बहाया जा रहा है, जिससे भूजल और वायुमंडल दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं।

सूत्रों का दावा: "फिक्स वसूली", बंटता है पैसा

सूत्रों की मानें तो कुछ चुनिंदा फैक्ट्रियों से हर महीने तयशुदा वसूली होती है, जिसमें कथित तौर पर विधायक के करीबियों की भूमिका है। इन फैक्ट्रियों में शामिल हैं:

  • AOV Exports
  • Rustam Foods
  • Indargo Foods
  • Mass Agro Foods
  • GS Foods
  • Al Super Frozen Foods
  • Al Haq Frozen Foods
  • Standard Frozen Foods
  • Al Sherfi Pvt Ltd 
  • आरोप है कि इन कंपनियों से "मासिक शुल्क" के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है, जिससे जिम्मेदार अधिकारियों और राजनीतिक रसूखदारों की जेबें भरती हैं, और बदले में फैक्ट्रियां खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाती हैं।

प्रशासन मौन, विधायक गुम

जब जनता ने सवाल उठाए, तो न विधायक कोई जवाब देने को तैयार हैं और न ही ज़िलाधिकारी ने कोई ठोस कार्यवाही की।
क्या यह प्रशासनिक मिलीभगत है?
क्या वाकई सत्ता के संरक्षण में प्रदूषण फैलाया जा रहा है?

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिका पर भी सवाल

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

  • क्या कभी इन कंपनियों का निरीक्षण किया गया?
  • क्या उनके पास ETP (Effluent Treatment Plant) चालू हालत में है?
  • क्या भूजल परीक्षण किया गया?

कागजों में सब कुछ हरा-भरा, लेकिन जमीन पर हालात कुछ और बयां करते हैं।

जनता त्रस्त, प्रशासन मस्त

स्थानीय लोगों का कहना है कि अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि रात में सांस लेना मुश्किल हो जाता है। सड़कों पर मांस और खून की गंध, गंदे पानी की धाराएं और भारी वाहन प्रदूषण को और भी बढ़ा रहे हैं।

अब सवाल जनता का है...

  • क्या विधायक केवल चुनाव तक ही जिम्मेदार होते हैं?
  • क्या जिलाधिकारी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं?
  • क्या उन्नाव की जनता को स्वच्छ हवा और पानी का हक नहीं?