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अगर सुलह नहीं की तो जान से मार देंगे!" — उन्नाव में दिनदहाड़े दो भाइयों पर चाकू से हमला, सड़क पर लहूलुहान हुए पीड़ित


उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से एक रौंगटे खड़े कर देने वाली वारदात सामने आई है, जहां एक पुराने आपराधिक मामले में समझौता न करने की कीमत दो भाइयों को लहूलुहान होकर चुकानी पड़ी। दिन के उजाले में बीच सड़क पर कार सवार बदमाशों ने उन्हें घेर लिया, चाकू से हमला किया और यहां तक कि जेब से ₹17,000 नगद छीन लिए।

यह पूरी घटना प्रशासन की कानून व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। पीड़ितों की चीखें, खून से सनी सड़क, और धमकाते हुए फरार होते हमलावर — यह दृश्य उस जिले में घटित हुआ है जिसे कानून के शासन का उदाहरण बताया जाता है।

पीड़ित का बयान — 'सुलह नहीं की तो चाकू घोंप देंगे'

घटना की शिकायत लेकर थाना पहुंचे पीड़ित ने अपनी तहरीर में विस्तार से बताया कि वह अपने बड़े भाई राजू के साथ मोटरसाइकिल से उन्नाव जा रहा था। जैसे ही वह नवोदय विद्यालय काली मिट्टी से एक किलोमीटर आगे पहुँचे, सफेद रंग की एक कार ने उन्हें ओवरटेक कर रोक लिया।

कार से उतरे बदमाशों में शामिल थे —
🔸 सईद पुत्र नादिर
🔸 रईश उर्फ कल्लू
🔸 रशीद
🔸 जियाऊल
🔸 चाँद आलम

उतरते ही इन सभी ने पुराने दो आपराधिक मुकदमों (0619/2020 व 0033/2025) में सुलह करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। जब प्रार्थी ने सुलह करने से साफ मना कर दिया, तो कहासुनी शुरू हो गई।

कुछ ही पलों में विवाद हाथापाई में बदल गया। तभी रईश उर्फ कल्लू ने चाकू निकालकर जान से मारने की नीयत से राजू पर वार कर दिया। लेकिन प्रार्थी ने साहस दिखाते हुए वार को अपने हाथ से रोक लिया, जिससे चाकू सीधे उसके हाथ में जा धंसा।

घायल की हालत गंभीर — ₹17,000 भी लूटे

इसी दौरान रशीद ने भी चाकू से वार कर राजू के कंधे को घायल कर दिया। राजू को गिराकर उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। बाकी के आरोपी घूंसे, लात और गालियों से हमला करते रहे। इस हमले के दौरान चाँद आलम ने राजू की जेब से ₹17,000 नगद छीन लिए।

सड़क पर हुए इस बर्बर हमले से राहगीर सकते में आ गए। पीड़ितों ने जान बचाने के लिए जोर-जोर से चीखना शुरू किया, तब कहीं जाकर भीड़ जमा हुई। लोगों के बीच में आते ही हमलावर धमकी देते हुए फरार हो गए। जाते-जाते कह गए —

"अगर ऐसे ही अड़े रहे सुलह पर, तो अगली बार खून का बदला खून से लेंगे — पुलिस में पैसा देकर पहले जैसे केस खत्म कर दिए थे, अब भी कर देंगे!"

पहले से दर्ज मुकदमे — पीड़ित को निशाना बनाया गया

पीड़ित पहले से ही दो संगीन मुकदमों में आरोपियों के खिलाफ शिकायतकर्ता है —

  1. मुकदमा अपराध संख्या-0619/2020 — धाराएं: 279, 147, 148, 149, 307, 504, 506

  2. मुकदमा अपराध संख्या-0033/2025 — धाराएं: 115(2), 352, 351(3)

इन दोनों ही मामलों में न्यायिक प्रक्रिया चल रही है। आरोपी पक्ष चाहता था कि पीड़ित समझौता कर ले, ताकि उन्हें राहत मिल जाए। लेकिन जब पीड़ित ने समझौते से इंकार कर दिया, तो उसे और उसके भाई को जान से मारने की कोशिश की गई।

प्रशासन पर सवाल — क्या अब कानून सिर्फ अमीरों का हथियार बन गया है?

इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं —

🔴 पुलिस कार्रवाई इतनी ढीली क्यों है?
🔴 क्या अपराधी इतने बेखौफ हैं कि खुलेआम सड़क पर हमला करने से भी नहीं डरते?
🔴 किसकी शह पर आरोपी लगातार धमकी दे रहे हैं?
🔴 पीड़ित को पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं मिली, जबकि वो पहले से केस में गवाह है?

उन्नाव की यह घटना किसी एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की नाकामी का सबूत है। यदि अपराधियों को सजा नहीं मिली, तो यह समाज में एक खतरनाक संदेश देगा — "कि अपराध करो, पैसे से मुकदमा खत्म करो और खुलेआम धमकाते घूमो।"

प्रशासन को चाहिए कि ऐसे अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट, एनएसए जैसी कठोर धाराओं के तहत कार्रवाई करे ताकि कानून का भय फिर से बहाल हो सके।

📌 अगर आपके आसपास भी हो रहा है ऐसा अत्याचार, तो चुप न रहें — आवाज उठाएं!


रिपोर्ट: प्रशांत त्रिपाठी, लखनऊ