बहराइच में दहशत का एक और अध्याय खत्म, वन विभाग की बड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में सरयू नदी के कछार क्षेत्र में लंबे समय से दहशत का पर्याय बने एक और भेड़िये को वन विभाग ने शनिवार देर शाम मार गिराया। इस कार्रवाई के साथ ही इलाके के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है, जो बीते तीन महीनों से लगातार भेड़ियों के हमलों के चलते भय के साये में जीने को मजबूर थे।
जिले में अब तक भेड़ियों के हमलों में 10 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि वन विभाग की ओर से की गई अलग-अलग कार्रवाइयों में कुल पांच भेड़िये मारे जा चुके हैं। इसके बावजूद क्षेत्र में भय और असुरक्षा की भावना पूरी तरह खत्म नहीं हुई है।
भोर में बच्ची पर हमला, गांव में मचा कोहराम
शनिवार तड़के करीब चार बजे कैसरगंज क्षेत्र की ग्राम पंचायत गोड़हिया नंबर-4 के मजरा जरूवा गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक भेड़िया रिहायशी इलाके में घुस आया। बताया जा रहा है कि दबे पांव घर में दाखिल हुए भेड़िये ने एक वर्षीय मासूम बच्ची आरवी को उसकी मां के पास से जबड़े में दबोच लिया और जंगल की ओर भाग निकला।
घटना इतनी अचानक हुई कि परिजन कुछ समझ पाते, उससे पहले ही भेड़िया बच्ची को लेकर ओझल हो गया। मासूम की चीख-पुकार और परिजनों के शोर से पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीण लाठी-डंडे और टॉर्च लेकर खोजबीन में जुट गए, लेकिन काफी प्रयास के बावजूद बच्ची का कोई सुराग नहीं मिल सका।
खेतों में मिली बच्ची की हड्डियां
घटना के कई घंटे बाद दोपहर के समय गांव से कुछ दूरी पर स्थित खेतों में बच्ची की कुछ हड्डियां बरामद की गईं। सूचना मिलते ही वन विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। हड्डियों को जांच और डीएनए परीक्षण के लिए सुरक्षित कर लिया गया है।
इस दर्दनाक घटना के बाद गांव में मातम पसर गया। ग्रामीणों का रो-रोकर बुरा हाल है। महिलाओं और बच्चों में खासतौर पर डर का माहौल बना हुआ है। कई परिवारों ने बच्चों को घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी है।
लगातार 13 घंटे चला सर्च ऑपरेशन
घटना के तुरंत बाद वन विभाग ने भेड़िये की तलाश के लिए व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। डीएफओ राम सिंह यादव के अनुसार, भेड़िये की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों और जमीनी टीमों को लगाया गया। करीब 13 घंटे की लगातार निगरानी और ट्रैकिंग के बाद भेड़िये की लोकेशन सरयू नदी के कछार क्षेत्र में मिली।
डीएफओ ने बताया कि कछार इलाके में भेड़िये की मौजूदगी की पुष्टि होते ही शूटरों और वनकर्मियों की टीम ने इलाके की घेराबंदी कर दी। भेड़िया लगातार जगह बदल रहा था, लेकिन शाम होते-होते वह खुले क्षेत्र में दिखाई दिया।
घेराबंदी के बाद देर शाम भेड़िया ढेर
वन विभाग की टीम ने पूरी सतर्कता के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया। जैसे ही भेड़िया स्पष्ट रूप से दिखाई दिया, शूटरों ने निशाना साधते हुए उसे गोली मार दी। देर शाम भेड़िये के मारे जाने की पुष्टि होते ही अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
डीएफओ राम सिंह यादव ने दावा किया है कि यह वही भेड़िया था, जिसने भोर में जरूवा गांव में मासूम बच्ची को शिकार बनाया था। भेड़िये के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, ताकि उसकी पहचान और अन्य जैविक जांच की जा सके।
ग्रामीणों ने ली राहत की सांस, लेकिन डर अब भी कायम
भेड़िये के मारे जाने की खबर मिलते ही गांव और आसपास के इलाकों में कुछ हद तक राहत का माहौल देखने को मिला। ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्रवाई की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इलाके में अभी भी पूरी तरह से सुरक्षा का भरोसा नहीं हो पा रहा है।
ग्रामीणों के मुताबिक, “एक भेड़िया मरा है, लेकिन जंगल और कछार में और भी भेड़िये हो सकते हैं। जब तक प्रशासन स्थायी समाधान नहीं निकालता, तब तक डर बना रहेगा।”
तीन महीने में 10 मौतें, बड़ा सवाल खड़ा
बहराइच जिले में पिछले तीन महीनों के दौरान भेड़ियों के हमलों में 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर मासूम बच्चे शामिल हैं। यह आंकड़ा प्रशासन और वन विभाग के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है। अब तक पांच भेड़ियों को मार गिराया गया है, लेकिन हमलों की पुनरावृत्ति ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरयू कछार और आसपास के जंगलों में मानव बस्तियों के बढ़ते दखल और जंगलों के सिमटते दायरे के कारण जंगली जानवर आबादी की ओर बढ़ रहे हैं।
वन विभाग की निगरानी जारी
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि इलाके में गश्त और निगरानी जारी रहेगी। ड्रोन सर्विलांस, ट्रैप कैमरे और अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं, ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोका जा सके।
प्रशासन की ओर से लोगों से अपील की गई है कि वे रात के समय बच्चों को अकेला न छोड़ें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत वन विभाग या पुलिस को दें। बहराइच में भेड़ियों का यह सिलसिला भले ही एक कार्रवाई से थमता दिख रहा हो, लेकिन खतरा पूरी तरह टला है या नहीं—यह आने वाला समय ही बताएगा।





