Lucknow News | Crime & Health Desk
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित देश के प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में शामिल किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) एक बार फिर गंभीर आरोपों के कारण सुर्खियों में है। इस बार मामला न सिर्फ आपराधिक और संवेदनशील है, बल्कि सामाजिक, धार्मिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कई गंभीर सवाल भी खड़े करता है। KGMU में तैनात एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर ने कथित तौर पर धर्म परिवर्तन के दबाव और धोखे से परेशान होकर आत्महत्या की कोशिश की, जिसके बाद यह मामला सामने आया।
पीड़िता के परिजनों ने आरोप लगाया है कि एक मुस्लिम पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर, जो पहले से शादीशुदा है, ने उनकी हिंदू बेटी को प्रेम और शादी का झांसा देकर लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाए। बाद में जब महिला डॉक्टर ने शादी की बात कही, तो आरोपी ने धर्म बदलकर शादी करने की शर्त रख दी। इस दबाव और मानसिक उत्पीड़न के चलते महिला डॉक्टर गहरे डिप्रेशन में चली गई और नशीली दवाओं का सेवन कर खुद की जान लेने की कोशिश की।
कैसे शुरू हुआ मामला: प्रेम, भरोसा और धोखा
परिजनों के अनुसार, महिला रेजिडेंट डॉक्टर और आरोपी पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर की पहचान KGMU में कार्य के दौरान हुई थी। दोनों अलग-अलग विभागों में कार्यरत थे, लेकिन अस्पताल के माहौल में बातचीत धीरे-धीरे दोस्ती और फिर प्रेम संबंध में बदल गई। महिला डॉक्टर का आरोप है कि आरोपी ने खुद को अविवाहित बताया और भविष्य में शादी का भरोसा दिलाया।
कुछ समय बाद दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने। महिला डॉक्टर का कहना है कि उसने इस रिश्ते को गंभीरता से लिया क्योंकि उसे शादी का आश्वासन दिया गया था। लेकिन जब उसने रिश्ते को सार्वजनिक करने और शादी की बात उठाई, तब हालात अचानक बदलने लगे।
धर्म परिवर्तन की शर्त और बढ़ता मानसिक दबाव
पीड़िता और उसके परिजनों का आरोप है कि आरोपी डॉक्टर ने शादी के लिए अचानक शर्त रख दी कि महिला को धर्म परिवर्तन करना होगा। जब महिला डॉक्टर ने इसका विरोध किया और साफ कहा कि वह अपना धर्म नहीं बदलेगी, तो आरोपी ने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी।
परिजनों का कहना है कि इसके बाद आरोपी लगातार मानसिक दबाव बनाता रहा। कभी बातचीत पूरी तरह बंद कर देता, तो कभी भावनात्मक रूप से उसे दोषी ठहराता। इस व्यवहार से महिला डॉक्टर मानसिक रूप से टूटने लगी और डिप्रेशन में चली गई।
पहले से शादीशुदा होने का खुलासा
मामले में सबसे चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब महिला डॉक्टर को यह जानकारी मिली कि आरोपी पहले से शादीशुदा है। परिजनों के मुताबिक, किसी परिचित के जरिए महिला को पता चला कि आरोपी डॉक्टर पहले भी एक हिंदू युवती से शादी कर चुका है, और उस शादी में भी धर्म परिवर्तन कराया गया था।
जब महिला डॉक्टर ने आरोपी से इस बारे में सवाल किया, तो उसने पहले बात को टालने की कोशिश की। बाद में उसने यह स्वीकार किया कि उसकी पहले से शादी हो चुकी है। यह सच्चाई सामने आते ही महिला डॉक्टर गहरे सदमे में चली गई।
कोलकाता चलकर शादी का प्रस्ताव और सच्चाई का खुलासा
महिला डॉक्टर मूल रूप से कोलकाता की रहने वाली है। पीड़िता के बयान के अनुसार, उसने आरोपी से कहा कि वे कोलकाता चलकर बिना धर्म बदले शादी कर सकते हैं। इसी बातचीत के दौरान आरोपी ने पहली बार खुलकर स्वीकार किया कि उसकी शादी पहले से हो चुकी है और वह इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ा सकता।
यह सुनकर महिला डॉक्टर पूरी तरह टूट गई। जिस व्यक्ति पर उसने भरोसा किया था, वही व्यक्ति न सिर्फ शादीशुदा निकला बल्कि उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव भी बना रहा था।
डिप्रेशन, नशीली दवाएं और आत्महत्या की कोशिश
परिजनों के अनुसार, इन घटनाओं के बाद महिला डॉक्टर गंभीर डिप्रेशन में चली गई। वह लगातार तनाव में रहने लगी और नींद की गोलियों व अन्य नशीली दवाओं का सेवन करने लगी। इससे पहले भी एक बार दवाओं की अधिक मात्रा लेने के कारण उसकी हालत बिगड़ चुकी थी।
हाल ही में एक बार फिर उसने नशीली गोलियों का सेवन कर खुद की जान लेने की कोशिश की। हालत गंभीर होने पर उसे तुरंत KGMU के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट (CCM) ICU में शिफ्ट किया गया।
पुलिस जांच में क्या सामने आया
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शुरुआती जांच में यह पुष्टि हुई है कि दोनों रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच लंबे समय से बातचीत और संपर्क था। मोबाइल चैट्स और कॉल डिटेल्स की भी जांच की जा रही है।
पुलिस का कहना है कि जांच में यह बात सामने आई है कि जब महिला डॉक्टर ने शादी की बात की, तो आरोपी की ओर से धर्म परिवर्तन की शर्त रखी गई। शादी से इनकार और लगातार मानसिक दबाव के चलते महिला डॉक्टर की मानसिक स्थिति बिगड़ती चली गई।
हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि अभी तक उन्हें इस मामले में कोई औपचारिक लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि शिकायत मिलते ही मामले में कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी।
महिला आयोग और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की तैयारी
पीड़िता के परिजनों ने बताया कि वे इस पूरे मामले की शिकायत महिला आयोग और मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का अपराध नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित मानसिक शोषण और धोखे का मामला है।
परिजनों ने मांग की है कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए और KGMU जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाए।
KGMU प्रशासन की कार्रवाई: आरोपी को नोटिस
मामले की गंभीरता को देखते हुए KGMU प्रशासन ने आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी को सोमवार को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
KGMU प्रशासन का कहना है कि पहले आंतरिक जांच की जाएगी और उसके बाद नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो आरोपी के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
KGMU प्रशासन का बयान
KGMU के प्रवक्ता डॉ. के. के. सिंह ने बताया कि दोनों रेजिडेंट डॉक्टर उत्तर प्रदेश के बाहर के हैं। महिला डॉक्टर कोलकाता की रहने वाली है, जबकि पुरुष रेजिडेंट डॉक्टर उत्तराखंड का निवासी है।
डॉ. सिंह के अनुसार,
“हमें जानकारी मिली है कि दोनों के बीच प्रेम संबंध थे। जब महिला डॉक्टर ने शादी का दबाव बनाया, तो पहले कई दिनों तक टालमटोल की गई। बाद में आरोपी ने धर्म परिवर्तन की शर्त रख दी। बाद में यह भी सामने आया कि आरोपी पहले से शादीशुदा है।”
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहा है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
पहले भी धर्म परिवर्तन का आरोप
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी डॉक्टर की पहली शादी भी एक हिंदू युवती से हुई थी, जिसमें धर्म परिवर्तन कराया गया था। हालांकि, इस संबंध में अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और यह बिंदु भी जांच का हिस्सा है।
यदि यह आरोप सही साबित होता है, तो मामला केवल व्यक्तिगत धोखे का नहीं बल्कि सुनियोजित धर्मांतरण के आरोप तक पहुंच सकता है।





