मुंबई में ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शातिर ठगों के एक गिरोह ने दोस्ती के जाल में फंसाकर एक व्यक्ति से 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली। मामला सामने आने के बाद मुंबई पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक अन्य आरोपी की तलाश जारी है।
पीड़ित की पहचान मलाड इलाके में रहने वाले 51 वर्षीय दिनेश मेहता के रूप में हुई है। उन्होंने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया कि आरोपियों ने खुद को भरोसेमंद साबित कर नकली सोने के गहने बेच दिए और मोटी रकम ऐंठ ली।
जानकारी के अनुसार, आरोपियों में से एक बाबूलाल भलाराम वाघेला ने दिनेश मेहता से राजस्थानी भाषा में बातचीत के दौरान दोस्ती की। बातचीत के दौरान उसने दावा किया कि नासिक में एक मंदिर के पीछे खुदाई के दौरान उसे करीब 900 ग्राम सोने के गहने मिले हैं। आरोपी ने यह भी कहा कि वह इन गहनों को खुले बाजार में नहीं बेच सकता, इसलिए किसी भरोसेमंद व्यक्ति की तलाश में है।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, भरोसा जीतने के लिए आरोपी ने मेहता को कुछ गहने दिखाए और सैंपल के तौर पर कुछ ‘सोने’ के मोती भी दिए। देखने में ये मोती बिल्कुल असली सोने जैसे लग रहे थे, जिससे पीड़ित को कोई शक नहीं हुआ। आरोपी ने गहनों को ‘प्योर सोना’ बताते हुए उन्हें खरीदने या बेचने में मदद करने की बात कही।
आरोपियों की बातों में आकर दिनेश मेहता ने कथित तौर पर 25 लाख रुपये नकद देकर गहने खरीद लिए। हालांकि, कुछ समय बाद जब उन्होंने गहनों की जांच कराई, तो पता चला कि वे पूरी तरह नकली हैं। ठगी का एहसास होते ही पीड़ित ने तुरंत मलाड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत मिलते ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज के विश्लेषण और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार इलाके से पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बाबूलाल भलाराम वाघेला (55), कोकुबाई बाबूलाल वाघेला (50), मंगलाराम मनाराम वाघरी (34), केसराराम भगताराम वाघरी और भवरलाल बाबूलाल वाघरी के रूप में हुई है। सभी आरोपी राजस्थान के जालोर जिले के निवासी बताए जा रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी बाबूलाल वाघेला एक आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर उसके घर से 15.45 लाख रुपये नकद भी बरामद किए हैं। इस गिरोह से जुड़े एक अन्य आरोपी की तलाश अभी जारी है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह इसी तरह लोगों से दोस्ती कर नकली सोने के गहनों के जरिए ठगी करता था। मामले की जांच जारी है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं इस गिरोह ने अन्य लोगों को भी इसी तरह ठगा तो नहीं।
इस घटना के बाद पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे सोने या कीमती धातुओं की खरीद-फरोख्त में पूरी सावधानी बरतें और बिना प्रमाण के किसी अजनबी पर भरोसा न करें, ताकि इस तरह की ठगी से बचा जा सके।





