रिपोर्ट: असनीत शुक्ला, जिला संवाददाता
उन्नाव। Unnao Nagar Palika में शुक्रवार को उस समय हंगामे की स्थिति बन गई, जब सभासदों ने विकास और मरम्मत कार्यों में हुए खर्च का ब्योरा मांगा और अधिशासी अधिकारी EO Sanjay Gautam ने इसे सभासदों का अधिकार न होने की बात कह दी। इस बयान के बाद मामला इतना बढ़ गया कि 15 सभासदों ने नगर पालिका कार्यालय में नारेबाजी करते हुए सामूहिक इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया और इस संबंध में अधिशासी अधिकारी को पत्र भी सौंपा।
घटना शुक्रवार दोपहर की बताई जा रही है, जब नगर पालिका के कई सभासद अपने-अपने वार्डों से जुड़ी समस्याओं को लेकर कार्यालय पहुंचे थे। सभासदों ने सड़क, नाली, मार्ग प्रकाश और अन्य बुनियादी सुविधाओं से जुड़े विकास कार्यों की स्थिति पर सवाल उठाए और इन कार्यों को जल्द पूरा कराने की मांग की।
बजट की कमी का हवाला, फिर बढ़ा विवाद
सभासदों की मांगों पर EO Sanjay Gautam ने बजट की कमी का हवाला देते हुए कहा कि जैसे ही बजट उपलब्ध होगा, विकास कार्य कराए जाएंगे। इस पर सभासदों ने सवाल उठाया कि जब बजट की कमी है, तो नाला सफाई, वाहन मरम्मत और अन्य मदों में लगातार खर्च कैसे किया जा रहा है।
इसके बाद सभासदों ने Development Work Expenditure से जुड़ी फाइलें देखने और खर्च का पूरा ब्योरा देने की मांग की। अधिशासी अधिकारी ने फाइलें तो मंगवाईं, लेकिन खर्च की जानकारी देने से इनकार कर दिया।
“फाइल देखना सभासदों का अधिकार नहीं” — बयान से भड़के सभासद
सभासदों का आरोप है कि EO Sanjay Gautam ने साफ शब्दों में कहा कि फाइलों की जानकारी देना या उन्हें देखना सभासदों का अधिकार नहीं है। इसी बात पर विवाद गहरा गया। सभासदों ने मौके पर ही अपने कानूनी अधिकारों का हवाला देते हुए विरोध शुरू कर दिया और नगर पालिका परिसर में नारेबाजी की।
स्थिति बिगड़ते देख कई सभासद एकजुट हो गए और Municipal Councilors Protest का रूप लेते हुए सामूहिक रूप से इस्तीफे की चेतावनी दे दी।
भ्रष्टाचार और अधिकारों के हनन का आरोप
सभासदों ने EO को सौंपे गए पत्र में नगर पालिका में भ्रष्टाचार, विकास कार्यों में पारदर्शिता की कमी और सभासदों के अधिकारों के हनन के गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र में यह भी लिखा गया है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो सभी सभासद नगर पालिका की सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।
सभासद ब्रजेश पांडेय ने बताया कि नगर पालिका को दिए जाने वाले मांग पत्रों पर कोई सुनवाई नहीं होती। उन्होंने आरोप लगाया कि शहर में सरकारी जमीन की पहचान होने के बाद भी, उन जमीनों पर जबरन कब्जा करा दिया जाता है, और इस पूरे मामले में बोर्ड को अंधेरे में रखा जाता है।
“हमें खर्च की जानकारी मिलना हमारा अधिकार है”
सभासद मुन्ना सिंह ने कहा कि बोर्ड का सदस्य होने के नाते उन्हें यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनके वार्ड में कौन सा काम हुआ, कितना पैसा खर्च हुआ और वह पैसा किस मद से निकला। उन्होंने कहा कि जब पारदर्शिता नहीं होगी, तो विकास कैसे होगा।
इस दौरान राजेंद्र भारती, अशोक कुमार, लक्ष्मी देवी, यासीन अहमद और प्रेमा सहित कई अन्य सभासद भी मौके पर मौजूद रहे और सभी ने एक सुर में खर्च की जानकारी न दिए जाने पर नाराजगी जताई।
EO का पक्ष: “अध्यक्ष की अनुमति जरूरी”
विवाद पर सफाई देते हुए EO Sanjay Gautam ने कहा कि उन पर लगाए जा रहे सभी आरोप गलत हैं। उन्होंने बताया कि उनका कहना सिर्फ इतना था कि नगर पालिका अध्यक्ष की अनुमति लेकर ही फाइलें दिखाई जाएंगी। EO के अनुसार, नियमों के तहत प्रक्रिया पूरी करने के बाद जानकारी दी जा सकती है।
हालांकि, सभासद इस जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए और उन्होंने इसे टालने वाला रवैया बताया।
प्रशासनिक गलियारों में चर्चा तेज
इस पूरे घटनाक्रम के बाद Unnao Local News और प्रशासनिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। नगर पालिका में सभासदों और EO के बीच खुले टकराव को लेकर अब जिला प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। अगर यह विवाद आगे बढ़ता है, तो नगर पालिका का कामकाज प्रभावित होना तय माना जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब चुने हुए प्रतिनिधियों को ही खर्च और विकास की जानकारी नहीं दी जाएगी, तो जवाबदेही तय करना मुश्किल हो जाएगा। अब देखना होगा कि प्रशासन इस विवाद को कैसे सुलझाता है और क्या सभासद अपने इस्तीफे के फैसले पर कायम रहते हैं या नहीं।





